Bajrang Dal Kya Hai - History
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क्या है बजरंग दल व आपको आखिर क्यों जुड़ना चाहिए भर्ती अभियान में बजरंग दल से ?
1. वर्ष 1984 में अयोध्या से निकली रामजानकी रथ यात्रा को जब फैजाबाद के मुसलमानों ने फैजाबाद में नही घुसने देने का चेलेंज किया था ओर सरकार ने सुरक्षा देने से मना कर दिया था तब बजरंगदल का इस देश मे प्रकटीकरण हुआ था और हजारों युवा रथ यात्रा की सुरक्षा हेतु हाथों में 🗡️ नंगी तलवारें, 🔫 बंदूकें, धारिये, फलसे एवं अन्य हथियारें लेकर सड़को पर आ गए थे और परिणामस्वरूप फैजाबाद के जो मुसलमान धमकियाँ दे रहे थे व यात्रा रोकने की बात कर रहे थे वहीं बजरंगदल के भय से स्वागत करने हेतु बावले हो गए व जय श्री राम के जमकर नारे लगाने लगे।
2. वर्ष 1990 व 1992 विश्व हिन्दू परिषद के नेतृत्व में बजरंगदल द्वारा कार्यसेवा का आयोजन किया गया।
भयंकर संघर्ष हुआ और अन्तः साढ़े चार सौ वर्षों से जो कलंक इस देश के माथे पर था उसे बजरंगदल ने जमीदोज कर दिया है और यहीं से बजरंग दल देश भर में फैलने लगा और आज 44 प्रान्तों में बजरंगदल के लाखों कार्यकर्ता हैैं जो एक निर्देश पर देश की सड़कों पर फिर आ सकते है।। बजरंगदल 30 अक्टूम्बर से 2 नवम्बर के दिन प्रतिवर्ष रक्तदान भी करता है ।
3. वर्ष 1996 कश्मीर में आतंकवादियों ने बाबा बर्फानी अमरनाथ जी की यात्रा पर आतंकी हमला कर हिन्दू समाज को चेतावनी दी थी कि जो अमरनाथ यात्रा को लेकर कश्मीर आएगा उसे बम से उड़ा दिया जाएगा तब बजरंग दल ने उस चुनोती को स्विकार किया और 50,000 से अधिक संख्या में बजरंगदल के कार्यकर्ता कश्मीर पहुंच गए और यात्रा प्रारंभ की तो एक भी आतंकी बम फोड़ने की हिम्मत न कर सका क्योकि यदि वो वँहा गलती करते तो पूरे देश के ढांचे, कब्रे सब टूटते यह है बजरंगदल की ताकत ।
4. वर्ष 2005 श्री बूढ़ा अमरनाथ जी यात्रा पाकिस्तान से लगी सिमा पर जम्मू से 300 से 400 किलोमीटर दूर प्रकृति की गोद मे बसे पूँछ जिले में रहने वाले 1% हिन्दुओ के मन मे शक्ति जगाने व उन्हें यह विश्वास दिलाने के लिये यह यात्रा प्रारंभ हुई कि इस देश का हिन्दू समाज उनके साथ है सेना की कड़ी सुरक्षा के बीच पूँछ जैसे खतरनाक क्षेत्र में मंडी तहसील के राजपुरा गांव में श्री चट्टानी अमरनाथ जी विराजित है और यह यात्रा बजरंगदल द्वारा राष्ट्रीय स्तर और आयोजित की जाती है जंहा हजारो बजरंगदल कार्यकर्ता व उनके परिजन यात्रा पर जाते है ।
5. वर्ष 2014 से 2016 तक श्री रामसेतु केंद्र सरकार द्वारा रामायण को सत्य साबित करने वाली निशानी रामसेतु को तोड़ने हेतु प्रस्ताव लाया गया जिसका बजरंगदल ने देशभर में चक्काजाम कर तगड़ा विरोध किया और रामसेतु को तोड़ने से रुकवाया साथ ही केंद्र द्वारा प्रारित साम्प्रदायिक एवं लक्षित हिंसा अधिनियम का पुरजोर विरोध किया ताकि हिन्दू सुरक्षित रहे ।
6. वर्ष 2017 कश्मीरी पत्तरबाजो से निपटने हेतु सेना के एक कर्नल ने एक पत्तरबाज को गाड़ी से बांध के घुमाया तो राजनिति हुई व सैनिक पर कोर्ट मार्शल की कार्यवाही कर दी गयी जिसके बाद देशभर में बजरंगदल सड़को पर सेना के सम्मान में उतरा और सरकार को ललकारा तब जाकर कर्नल का कोर्ट मार्शल रदद् हुवा व उनका सम्मान किया गया तो यह है बजरंगदल व इसकी ताकत कुछ मूर्ख कहते है बजरंगदल तो गुंडादल है उपद्रव करता है लेकिन यह बात पूरी तरह गलत है ।
बजरंग दल सकरात्मक कार्य करता है लेकिन जब इन कार्यो में कोई विघ्न उतपन्न कर बजरंगदल को छेड़ता है तो फिर उसे छोड़ता भी नही है ।
आप सभी युवाओ से मेरा यही विनय है कि स्वयं को साबित करे व राष्ट्र व धर्म रक्षा हेतु बजरंगदल से जुड़े वर्तमान में भर्ती अभियान चल रहा है आपके क्षेत्र के विश्व हिन्दू परिषद/बजरंगदल कार्यकर्ताओं से सम्पर्क करें व जुड़े बजरंगदल से फिर शौर्य यात्राओ में रंग जमाएं...
🚩 जय हिंदुत्व
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